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निरदोसी सै बहुत तेरी सिर दोस लगावै मतना / मेहर सिंह

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जवाब सोमवती का

गुप्ती घा जिगर में होगे मनै घणी सतावै मतना
निरदोसी सै बहुत तेरी सिर दोस लगावै मतना।टेक

तेरे नाम की माळा रटती दिन देख्या ना रात पिया
तेरे बिना ना चैन मिलै था दुःख पावै था गात पिया
ईज्जत सै तेरे हाथ पिया खुद आप घटावै मतना।

बुरे करम तै पिया जी मैं सौ-सौ कोसां दूर रहूं
जिस तै सिर बदनामी हो ना कर कै इसा कसूर रहूं
तेरी भक्ति कै म्हां चूर रहूं मेरा धरम घटावै मतना।

धड़ तै सीस तार ले बेशक जै आगी तेरे मन मैं
कड़वे कड़वे बोल बोलकै फूकण लाग्या अंग नै
शेरखान के रंग में आकै गलती खावै मतना

झूठा दोस लगावै सै क्यूं कर रह्या धक्के खाणी
थारे घर का पी राख्या ना गैर घर का पाणी
मेहर सिंह कड़वी बाणी के तीर चलावै मतना।