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निरुपमा दत्त
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निरुपमा दत्त
जन्म | 1955 |
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जन्म स्थान | गुजराँवाला, पंजाब। |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
इक नदी साँवली जही (कविता-संग्रह), बन्त सिंह का गीत (जीवनी) | |
विविध | |
क़रीब चालीस वर्षों तक ’ट्रिब्यून’ और अन्य अख़बारों में पत्रकारिता। पंजाबी में कविताएँ लिखकर फिर ख़ुद उनका अँग्रेज़ी में अनुवाद करती हैं। कविता-संग्रह ’इक नदी साँवली जही’ के लिए सन 2000 में दिल्ली पंजाबी अकादेमी का पुरस्कार मिला। अँग्रेज़ी, हिन्दी कन्नड़, बंगला और उर्दू में कविताओं का अनुवाद हो चुका है। दक्षेस (दक्षिणी एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) के सदस्य देशों के कवियों के एक संग्रह ’हमारी आवाज़ें’ का अजित कौर के साथ सम्पादन किया। पंजाबी कहानियों का अनुवाद ’धरती की कहानियाँ’ शीर्षक से ’पेंगुइन’ से प्रकाशित हुआ। पत्रकार,कवि और लेखक के रूप में हमेशा साम्प्रदायिकता और कट्टरपन्थ का विरोध किया। 1984 के सिक्खों के ख़िलाफ़ आयोजित दंगों, 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने और 2002 में अहमदाबाद और गुजरात में हुए दंगों के ख़िलाफ़ लिखा। चण्डीगढ़ में रहती हैं। | |
जीवन परिचय | |
निरुपमा दत्त / परिचय |