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निवतौ: 1 / मीठेश निर्मोही
Kavita Kosh से
आव भेळा होय
आपै री खोलां
आगळां।
अेक दीठ
भर लेवां
अेक दूजै रा
रंग।
अेक दूजै नै
पी जावां
अेक सांस।