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निष्ठा / रैनेर मरिया रिल्के
Kavita Kosh से
मेरी आँखें निकाल दो
फिर भी मैं तुम्हें देख लूँगा
मेरे कानों में सीसा उड़ेल दो
पर तुम्हारी आवाज़ मुझ तक पहुँचेगी
पगहीन मैं तुम तक पहुँचकर रहूँगा
वाणीहीन मैं तुम तक अपनी पुकार पहुँचा दूँगा
तोड़ दो मरे हाथ,
पर तुम्हें मैं फिर भी घेर लूँगा और
अपने हृदय से इस प्रकार पकड़ लूँगा
जैसे उँगलियों से
हृदय की गति रोक दो और मस्तिष्क धड़कने लगेगा
और अगर मेरे मस्तिष्क को जलाकर खाक कर दो
तब अपनी नसों में प्रवाहित रक्त की
बूँदों पर मैं तुम्हें वहन करूँगा।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : धर्मवीर भारती