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नींद-८ : नींद के आर-पार / सुरेन्द्र स्निग्ध
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अकेली यात्रा
बहुत भारी होती है
आधी रात की
नींद की तरह
कुछ देर पहले
पटने के होटल पाटलिपुत्र
के लाऊँज में
बैठे थे हम
पत्नी के साथ
साथ बैठने की
ऊष्मा से ही
काट सका हूँ
नींद की गहरी खाई
पाट सका हूँ
समय का विस्तार
नींद के आर-पार