नींद में कविता
मैं सुनता रहा
रात भर-
कविता का शोर
रात भर नींद मेरी
भट्ठी-सी धधकती रही
नींद में कविता का टूटा हुआ जीवन था ।
नींद में कविता
मैं सुनता रहा
रात भर-
कविता का शोर
रात भर नींद मेरी
भट्ठी-सी धधकती रही
नींद में कविता का टूटा हुआ जीवन था ।