भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नीलाभ / सुधीर सक्सेना
Kavita Kosh से
समुद्र नीला है
आसमान भी नीला
प्रभु का रंग भी नीला है
और प्रेम भी नीला
कहो तो
कहाँ हैं वर्णक्रम के बाक़ी रंग ?