नूनू जाय साठो माय कोर / परमानंद ‘प्रेमी’
लोर लेर लोर नूनू जाय साठी माय कोर।
कखनू माय के गोदी खेले कखनू दादी कोर॥
तेल कर’ चुप-चुप नूनू बढ़’ लुप-लुप
हाथी रं मोटैतऽ खायक’ नूनू बिसकुट
साठी माय सें निन माँगी क’ लानबऽ
तब’ सुतैबऽ नूनू भोरम-भोर।
लोर लोर लोर नूनू जाय साठी माय कोर॥
सूतें-सूतें रे नूनू देबौ तोरा सुतौनी
सुती क’ उठबे खिलैबौ खबौनी
बाबू गेलऽ छौ करै ल’ दौनी
पूजा करैल’ गेलौ मैयो जेठोर।
लोर लोर लोर नूनू जाय साठी माय कोर॥
आबें गे कारी गाय सीम लऽत खाय जो
नूनू माय घरों में दूध पिलाय जो
सोना कटोरी में दूध नूनू पीतौ
रूपा कटोरी बनैतौ दही घोर।
लोर लोर लोर नूनू जाय साठी माय कोर।
दादी क’ तंग देखी ‘प्रेमी’ मुसकाबे
कल’-कल’ नूनू आँखी क’ दबाब’
सुतलां में साठी मांय आबी पुकार’
तब’ कर’ नूनू पट-पट ठोर।
लोर लोर लोर नूनू जाय साठी माय कोर।