नृत्य में / निकअलाय रेरिख़ / वरयाम सिंह
डरो,
जब हरकत में आने लगें चुप बैठी चीज़ें,
तूफ़ानों में बदल जाएँ रुकी हुई हवाएँ,
लोगों की बातें भर जाएँ अर्थहीन शब्दों से !
डरो,
जब ज़मीन के भीतर छिपाने लग जाएँ लोग अपना धन,
जब लोग उसी वैभव को सुरक्षित मानने लग जाएँ
जिसे उन्होंने अपने शरीर पर धारण कर रखा हो,
जब चिर अर्जित ज्ञान का
विनाश कर दे भीड़ ख़ुशी-ख़ुशी,
जब आसान हो जाए धमकियों को अमल में लाना,
जब कुछ भी न बचे
जिस पर लिखा जाता है पूर्व अर्जित ज्ञान,
जब भुरभुराने लग जाएँ लिखने के काग़ज़
और शब्द हो जाएँ निष्करुण, निष्ठुर !
मेरे पड़ोसियो ,
ठीक नहीं है तुम्हारे जीवन का ढाँचा
बदल डाला है तुमने यहाँ पर सब कुछ
आज के आगे कहीं भी नहीं है कोई रहस्य,
अपनी बदक़िस्मतियों के साथ
चल दिए हो तुम दुनिया को जीतने ।
कुरूप से भी कुरूप स्त्री को
वांछित स्त्री की संज्ञा दे सकता है तुम्हारा पागलपन ।
ओ नाचते हुए नीच चालाक लोगो,
तुम क्या सचमुच तैयार हो
अपने को पूरी तरह नृत्य में डुबोने के लिए !
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : वरयाम सिंह
लीजिए, अब यही कविता मूल भाषा में पढ़िए
Николай Рерих
В танце
Бойтесь, когда спокойное придет
в движенье. Когда посеянные ветры
обратятся в бурю. Когда речь людей
наполнится бессмысленными словами.
Страшитесь, когда в земле кладами
захоронят люди свои богатства.
Бойтесь, когда люди сочтут
сохранными сокровища только
на теле своем. Бойтесь, когда возле
соберутся толпы. Когда забудут
о знании. И с радостью разрушат
узнанное раньше. И легко исполнят
угрозы. Когда не на чем будет
записать знание ваше. Когда листы
писаний станут непрочными,
а слова злыми. Ах, соседи мои!
Вы устроились плохо. Вы все
отменили. Никакой тайны дальше
настоящего! И с сумою несчастья
вы пошли скитаться и завоевывать
мир. Ваше безумие назвало самую
безобразную женщину — желанная!
Маленькие танцующие хитрецы!
Вы готовы утопить себя
в танце.