नेक दिल / सुधा ओम ढींगरा

वह
नेक दिल
इन्सान था.
लोगों के लिए
भगवान था.

जिसने अपना
सब कुछ लुटाया
ख़ुद को मिटाया
देश आज़ाद हो सके.
भावी पीढ़ी
सुख की साँस ले सके.

कुर्बानी उसकी रंग लाई......

देश आज़ाद हुआ
वह कल की बात हुआ.
समय के साथ
जब उसका ध्यान आया.
लोगों का मन
बहुत झुंझलाया.

तब
झट से
किसी कंकर
पत्थर की सड़क पर
नाम लिखवाया.
चौराहे पर
बुत लगवाया.

विचारों
आदर्शों को
सीधा शमशान पहुँचाया
और
गहरे दफनाया.

इस पृष्ठ को बेहतर बनाने में मदद करें!

Keep track of this page and all changes to it.