गदहा नेता लगा रेंकने
तो बोलो यों ऊँट –
‘कर जनता से वादे, कब तक
बोलोगे तुम झूठ?’
गदहा बोला –‘इतना भी तू
नहीं जानता ठूँठ!
फ्री –इस्टाइल ‘झूठ बोलने
की नेता को छूट।‘
[शोध-दिशा, अप्रैल-जून 2006]
गदहा नेता लगा रेंकने
तो बोलो यों ऊँट –
‘कर जनता से वादे, कब तक
बोलोगे तुम झूठ?’
गदहा बोला –‘इतना भी तू
नहीं जानता ठूँठ!
फ्री –इस्टाइल ‘झूठ बोलने
की नेता को छूट।‘
[शोध-दिशा, अप्रैल-जून 2006]