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नैन मिले तो सोना कैसा / रविकांत अनमोल
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नैन मिले तो सोना कैसा
अश्क बहाना, रोना कैसा
ये जीवन है खेल तमाशा
इसमें पाना, खोना कैसा
इस दौलत पर ख़ुश क्या होना
खो जाए तो रोना कैसा
दिल का सौदा दिल से कीजे
इसमें चाँदी-सोना कैसा