भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नोटवा जे छापी छापी गिनिया भँजवलऽ हो / महेन्द्र मिश्र
Kavita Kosh से
नोटवा जे छापी छापी गिनिया भँजवलऽ हो महेन्दर मिसिर।
ब्रिटिश के कइलऽ हलकान हो महेन्दर मिसिर।
सगरी जहानवाँ में कइलऽ बड़ा नाम हो महेन्दर मिसिर।
परल बा पुलिसवा के काम हो महेन्दर मिसिर।
छपरा से पटना ले जुटला परमान हो महेन्दर मिसिर।
जटाधारी हउएँ हमरो नाम हो महेन्दर मिसिर।