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न्याव / दीनदयाल शर्मा

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लाली दीपू दोन्यू आवो
न्याव में बै‘ठो ना घबराओ
कागदियां री कोनी न्याव
सचली न्याव में आव, चलावो

अनुवाद :- श्रीमती राजेश्वरी पारीक " मीना "