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न डूबे हैं / केदारनाथ अग्रवाल

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न डूबे हैं

जहाँ

न डूबते हैं

वहाँ डूबते हैं

और डूबे हैं

हम और हमारे जहाज

रेत के सागर में


(रचनाकाल : 03.03.1968)