न देखों पीछे आगे बढ़ने वालों का समाँ देखो / नज़ीर बनारसी
न देखो पीछे आगे बढ़ने वालों का समाँ <ref>दृश्य</ref> देखो
गुबारे कारवाँ <ref>कारवाँ की धूल</ref> देखो
किसानों और मज़दूरों की अब ताबो तवाँ <ref>शक्ति-सामर्थ्य</ref> देखो
गुजश्ता <ref>बीता हुआ</ref> कल को छोड़ो आज का हिन्दोस्ताँ देखो
निगाहे गरम <ref>तीक्ष्ण दृष्टि</ref> से मुझको न मेरे मेहरबाँ देखो
यहाँ मैं देख लूँगा तुम जहाँ के हो वहाँ देखो
बुरी नीयत से मेरी सरहदों को देखने वालो
तुम्हें मेरे जहाँ से क्या गरज आना जहाँ देखो
ये दोनों काम मिल कर बाँट लें आपस में हम दोनों
जमीं कीहम निगहबानी करें तुम आसमाँ देखो
बचाया मादरे हिन्दोस्ताँ को किस करीने से
जहाँ वालो कमाले दुख्तरे हिन्दोस्ताँ <ref>भारत की बेटी का कमाल</ref>देखो
है लुत्फे दास्ताँ लेना तो मेरा मशविरा ले लो
जरा उनवान <ref>शीर्षक</ref> पहले देख लो तब दास्ताँ देखो
जमीं से आसमाँ तक आज अपनी भी रसाई है
फज़ाओं में खलाओं में <ref>आकाश, शून्य</ref> जहाँ चाहो वहाँ देखो
जहाँ हिम्मत शिकन <ref>साहस को तोड़ने वाला</ref> मायूसियाँ छायी थी इन्साँ पर
वहाँ अँगड़ाइयाँ लेता हुआ अज्में जवाँ देखो
वो सड़कें जिने पे कल खंजर बकफ <ref>हाथ में खंजर लिये</ref> खतरे टहलते थे
उन्हीं सड़को पर अब चल कर हुजूमें मह्वे शाँ <ref>शान में डूबा हुआ हुजूम</ref> देखो
’नजीर’ अपना तअल्लुक <ref>सम्बन्ध</ref> इत्तिहादे बाहमी <ref>आपसी सद्भाव</ref> से है
हमें क्या देखते हो तुम हमारा कारवाँ देखो