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न भूलेगी मुझे / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
न भूलेगी मुझे
नितम्बनी,
स्रोतस्विनी,
जलधारा से भरी नदी--
जिसने मुझे भेंटा,
मैंने जिसे भेंटा,
सूर्य ने घंटों हमें देखा ।