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न है मेरे दोषों की माप / गुलाब खंडेलवाल

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न है मेरे दोषों की माप
किन्तु सुना है, आँसू से धुल जाते है कुल  पाप
अनुनय-विनय नहीं जब माने
काल दंड देने की ठाने
प्रभु! तब मुझको क्षमा दिलाने
क्या न बढ़ेंगे आप!
 
तम को  ज्योति, मलिनता को जल
करता दूर नियम ज्यों अविचल
धो देंगे क्या नहीं कर्मफल
मेरे ये अनुताप!
 
यदि जो  किया वही पायेंगे
किस दिन आप काम आयेंगे!
फिर तो स्वामी बन जायेंगे
पानी, बिजली, भाप

न है मेरे दोषों की माप
किन्तु सुना है, आँसू से धुल जाते है कुल पाप