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पंचों का फैसला / जेन्नी शबनम
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					कुछ शब्द उन पंचों के समान 
उच्च आसन पर बैठे हैं
जिनके फैसले सदैव निष्पक्ष होने चाहिए
ऐसी मान्यता है, 
सामने 
कुछ अनसुलझे प्रश्न पड़े हैं
विचारार्थ,
वादी प्रतिवादी 
कुछ सबूत 
कुछ गवाह
सैकड़ों की संख्या में 
उद्वेलित भीड़, 
अंततः पंचों का फैसला
निर्विवाद 
निर्विरोध 
उन सबके विरुद्ध 
जिनके पास पैदा करने की शक्ति है
चाहे जिस्म हो या ज़मीन,
फरमान -
बेदखल कर दो 
बाँट दो
काट दो 
लूट लो...
(जून 6, 2012)
	
	