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पंथ-कुपंथ / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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टिड्डा नें
टिड्डी सें कहलकै
भगवान बनै लेॅ चाहै छै आदमी
हुनकोॅ पूजै के बजाय
स्वयं केॅ पूजवै लेली
चाहै छै आदमी
संत के नाम पर
अपना पंथ चलनै लेॅ
चाहै छै आदमी
एक दोसर के होड़ में
सब होय रहल छै मालोमाल
बड़ोेॅ-बड़ोॅ संत सें लैकेॅ
आज के मनचलोॅ संत
के भी यहै छै हाल।