भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पउम चरिय / स्वयंभू

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

वसंत वर्णन

पंकय वयणउ कुवलय णयनउ केयइ केसर सिर सेहरु।
पल्लव कर यलु कुसुम णहुज्जलु पइसरइ वसंत णरेसरु॥