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पगडंडियां / शैलेय
Kavita Kosh से
भले ही
नहीं लांघ पाये हों वे
कोई पहाड़
मगर
ऊंचाइयों का इतिहास
जब भी लिखा जाएगा
शिखर पर लहराएंगी
हमेशा ही
पगडंडियां।