मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पगिया तोहर गुलबिया हौ ब्राह्मण
धोतिया तोहर भटरंग हे
घोड़बा तोहर बघेरबा हौ ब्राह्मण
सोने मुठी लागल लगाम हे
ताहि घोड़बा चढ़ि चललह हौ ब्राह्मण
चलि भेला अबला गोहारि हे
जहाँ जहाँ देखथि ब्राह्मण दूधपीठी-मधुर
तहाँ तहाँ जीब ललचाय हे
जहाँ जहाँ देखथि ब्राह्मण जोड़ा जनउआ
सभक सुनथि गोहारि हे
उजरा छागर धुरखुर बन्हाएब
करिया छागर बलिदान हे
कल जोड़ि अबला गोहारथि
सदा रहियौ अबला पर सहाय हे