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पड़या बाग में रोवै से के लाल बिछड़ग्या तेरा / मेहर सिंह

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उसकी ड्यूटी शमशान घाट पर लगा देता है उधर रानी मदनावत अपने बेटे रोहतास को शामलाल की पूजा फूल लाने के लिए बाग में भेजती है। जब रोहतास बाग में जाकर फूल तोड़ने लगता है तो विश्वामित्र ने सर्प का रूप धारण करके रोहतास कवर को डस लिया; लड़का मूर्छित होकर धरती पर गिर पड़ा तो ऋषि उससे पूछने लगा कि तुम्हारा अता पता क्या है। इस पर लड़का क्या कहता है-

हाथ जोड़ कै कहर्या सूं मेरी मां ने कर दियो बेरा
पड़या बाग में रोवै से के लाल बिछड़ग्या तेरा।टेक

मेरी माता नै जाकै कह दियो दिल अपणे नै डाट लिए
घर तै आए तीन प्रानी आज दाहूं न्यारे पाट लिए
तेरा बेटा मरग्या तूं रह ऐकली बिषियर नै सुत काट लिए
ईश्वर कै आधीन मामला बालण तै भी नाट लिए
तेल खत्म होया दीपक बुझग्या हो लिया घोर अन्धेरा।

मेरी काया में जहर भर्या सै विषियर लड़ग्या काला
इसी कसूती घड़ी बीतगी खाकै पड़या तवाला
मुंह का थूक सूकता आवै होग्या ब्यौंत कुढ़ाला
बेरा ना किस ढाल टुटग्या तेरे कर्म का ताला
तेरे कर्मा का फूल रह्या था आंधी ने आ घेरा।

कांशी कै म्हां रहा करै वा रामलाल कै दासी
रोटी खाए पाछै कह दियो कदे हो निरणाबासी
मुंह का थूक सूकता आवै लगी कसूती फांशी
कांशी के बागां में खूगी आज तेरी अठमाशी
घर के बारा बाट हो लिए उजड़ होग्या डेरा।

समझदार माणस नै चाहिए अपणा कहण पुगाणा
जिस दुखिया का बेटा मरज्या उस तै के गिरकाणा
बखत पड़े पै काम चला दे हो सै माणस स्याणा
सब कयांहे नै भूंडा लागै लय सुर बिन गाणा
मेहर सिंह क्यूं फिकर करै दो दिन का रैन बसेरा।