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पतंग / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
भैया देखो उड़ी पतंग।
आसमान में चढ़ी पतंग।
वह है कितनी बड़ी पतंग,
उसमे कितने-कितने रंग।
मुझको ला दो एक पतंग,
मेरी भी तो उड़े पतंग।