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पतझर-२ / कविता वाचक्नवी

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पतझर - २

कितने पत्र भेज
बुलवाते
हम
पतझर की आँधी में
पैरों कौन
रौंद देता है
लिखा हुआ
प्रति-प्रति अक्षर।