भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पतझर पर कोंपल / मंजु लता श्रीवास्तव

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पतझर पर कोंपल
संदेश लिख रहे
माघ-अधर जीवन
उपदेश लिख रहे

डाल-डाल तरुवों पर
सरगम के मधुर बोल
आशा के पंथ नये 
मौसम ने दिये खोल
समय फिर पटल पर
'हैं शेष' लिख रहे

पीत हुए पत्रों से
गबीत चुके कई माह 
समय संग जाग रहा
खुशियों का फिर उछाह
नये स्वप्न अभिनव
परिवेश लिख रहे

युग-युग परिवर्तन है 
पंथ अलग,अलग गैल
नवविचार, नवदर्शन
नयी क्रान्ति रही फैल
डाल-डाल सुखद फिर
प्रवेश लिख रहे