पता होता है
परिंदों को भी…
हवा में पत्तों की सरसराहट
और दवे पांव
आदमी के चलने की आहट
कितनी अलग होती है
अपने इरादों में
नैसर्गिक इस समझ के साथ ही
कोई चिड़िया
आसमान से
उतरती है जमीं पर…
पता होता है
परिंदों को भी…
हवा में पत्तों की सरसराहट
और दवे पांव
आदमी के चलने की आहट
कितनी अलग होती है
अपने इरादों में
नैसर्गिक इस समझ के साथ ही
कोई चिड़िया
आसमान से
उतरती है जमीं पर…