एक डोले म्हं आप बैठगी एक ले लिया संग खाली
पतिव्रता का सत आजमावण आप बेश्वां चाली।टेक
आपणी गैल्यां ल्याऊं भलो कै
फेर राखूंगी घरां ल्हकोकै
कपड़े बदल लिए नहा धो कै माथे पै बिन्दी ला ली।
देख्या रूप आनंदी छागी
उसकी करण बड़ाई लागी
बैठी हूर तला पै पागी मिठ्ठी बोल रिझाली।
या कार करे बिन कोन्या सरता
कुकर्म देख कालजा डरता
देखूंगी वा किसी पतिव्रता सत तोड़न की स्याली।
नरमी होती सुख देवा
सब ईश्वर पार करेंगे खेवा
मेहरसिंह सतगुरु की सेवा कर जोड़ रागनी गा ली।