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पति-पत्नी / रूपसिंह राजपुरी
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पति-पत्नी गै बीच मैं,
एकर बहस छिड़ी बड़ी सोणी।
पत्नी बोली- इसो कोई विभाग बताओ,
जकै मैं लुगाई कोनी।
राजनीति, धर्म, थानेदारी, गुण्डागर्दी,
म्हे तो सब जगा बढ़गी हां।
ओर तो ओर म्है तो,
चांद पर भी चढगी हां।
पति गै बात अड़गी,
पण झट बण काढी।
बोल्यो, दमकल विभाग मैं,
थे एक भी कोणी लाडी।
खिसियांती सी पत्नी बोली,
बो तो म्हे जाणगै छोड़यो है,
थे आ बात जाणो कोणी,
म्हारो काम आग लगाणो है, बुझाणो कोनी।