पति / मनजीत टिवाणा / अनिल जनविजय
भूखा भेड़िया होता है पति
जो तुम्हें दूसरे भेड़ियों से बचाता है
लेकिन ख़ुद ...
अपने जबड़ों के बीच तुम्हें फँसाकर
वह दावा करता है —
देखो, कितनी महफ़ूज़ हो तुम
मैं तो तुम्हें नहीं निगलूँगा ।
पति एक भूखा भेड़िया है
जो तुम्हें दूसरे भेड़ियों से बचाता है
लेकिन ख़ुद ...
एक मोटर, एक मशीन बना देता है वह तुम्हें
और उस मशीन में तुम्हारे सभी कल-पुरजे जोड़ देता है
और चाहता है कि तुम
अपने वजूद की हर हरी पत्ती को उखाड़ फेंको
पर सवाल तो यह उठता है
कि आख़िर तुम हो कौन ?
शायद लाल टोपी वाली उस लड़की की तरह
तुम उस भेड़िये से दूर भागोगी
पर जैसे बिजली-सी चमकेगी और पल भर में वो तुम्हें पकड़ लेगा
भौंचक्का रह जाओगी तुम
और ख़ुद को बचाने के लिए भयानक जिद्द-ओ-जहद करोगी ।
पति एक भूखा भेड़िया है
जो तुम्हें दूसरे भेड़ियों से बचाता है
लेकिन आख़िरकार तुम्हें निगल जाता है ।
पंजाबी से अनुवाद : अनिल जनविजय
लीजिए, अब इसी कविता का अँग्रेज़ी में अनुवाद पढ़िए
Manjit Tiwana
Husband
Husband is a hungry wolf
who shields you from other wolves
but himself...
Fixing you between his jaws
he boasts :
"See, how safe you are !
I don't devour you."
Husband is a hungry wolf
who shields you from other wolves
but himself...
A motor-machine---
he fits all your spare parts into it,
weeding out every green blade of your existence,
questions :
"Who the hell are you ?"
Instantly, like Red Riding Hood,
you would run away from that wolf.
Like a lightning flash he grabs at you.
Bewildered, you struggle to find yourself desperately.
Husband is a hungry wolf
who saves you from other wolves
but ultimately devours you.