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पत्थर दिखा के उसको डराया नहीं जाता / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
पत्थर दिखा के उसको डराया नहीं जाता
वो आइना है उसको झुकाया नहीं जाता।
कितने ही उसको आप प्रलोभन दिखाइये
ईमान खरा हो तो डिगाया नहीं जाता।
इतना न आसमान पे उसको उठाइये
ज़र्रे को आफ़़ताब बनाया नहीं जाता।
दामन में दाग़ हो लगा तो लोग छुपालें
माथे पे लगा दाग़ छुपाया नहीं जाता।
माँ-बाप की चाहत को भी पैसों से तौलते
ऐसा ये कर्ज़ है जो चुकाया नहीं जाता।
इक फूँक मार करके आप ने बुझा दिया
इस तरह चिराग़ों को बुझाया नहीं जाता।