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पद / 7 / श्रीजुगलप्रिया
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नैन मोहन रूप छकेरी।
सेत स्याम रतनारे प्यारे ललित सलोने रँग रँगे री॥
बाँकी चितवनि चंचल तारे मनो कंज पै खंज अरे री।
‘जुगल प्रिया’ जाके उर भाये अधिक बावरे सोई भये री।