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.राग कान्हरा
कौसिकके मखके रखवारे |
नाम राम अरु लखन ललित अति, दसरथ-राज-दुलारे ||

मेचक पीत कमल कोमल कल काकपच्छ-धर बारे |
सोभा सकल सकेलि मदन-बिधि सुकर सरोज सँवारे ||

सहस समूह सुबाहु सरिस खल समर सूर भट भारे |
केलि-तून-धनु-बान-पानि रन निदरि निसाचर मारे ||

ऋषितिय तारि स्वयम्बर पेखन जनकनगर पगु धारे |
मग नर-नारि निहारत सादर, कहैं बड़ भाग हमारे ||

तुलसी सुनत एक-एकनि सो चलत बिलोकनिहारे |
मूकनि बचन-लाहु, मानो अंधनि लहे हैं बिलोचन-तारे ||