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परछाँई / कुंदन अमिताभ

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हम्में कहलियै एगो बात
बड्डी जोरदार बात
ठोर टपटपैलै मुड़ियो डोललै
भला कथी लेॅ कहबऽ
हम्में कोनऽ बात।
हम्में फेरू मटकी मारलियै
सम्हरी-सम्हरी
हिन्नेॅ हुन्नेॅ ताकी केॅ
अगल-बगल झाँकी केॅ
पलक झपझपैलै जीहो हदियैलै
भला कथी लेॅ मारबऽ हम्में मटकी!
पहिने ओकरऽ कान्हा सहलैलियै
फेरू झबझब दबैलियै ओकरऽ ठोठऽ
मरै घड़ी तक आपनऽ हाथ
राखनेॅ राखलियै वैन्जैं
भला कथी लेॅ चाँपबऽ
हम्में केकरो ठोठऽ!
दूर अन्हारऽ में चितांग
गिरी पड़लै धरती पर
चमकलऽ -चमकलऽ एगो तारा
सरंग सें टूटी केॅ
हम्में देखलियै
हम्में वैन्जैं छेलियै
अलबत्ता
हम्में बैन्जाँ नै छेलियै।