परमाणु बम्ब कहैं पिया / रणवीर सिंह दहिया
नफेसिंह की चिट्ठी नहीं आई। सरतो को चिन्ता होने लगती है। जंग आजकल में होने वाला है। टी.वी. पर परमाणु बम के खतरे की भी बात चलती है कि सब कुछ तबाह हो जाएगा। वह नफेसिंह को बहुत याद करती है और मन में क्या सोचती है भला:
परमाणु बम्ब कहैं पिया दुनियां मैं तबाही मचा देगा॥
परमाणु की अग्नि मारै क्यूकर यो भगवान बचा देगा॥
धमाका होवै गरमी छाज्या शहर राख हो ज्यां जल कै
तबाह मानवता हो ज्यागी खतम जंगल होज्या बल कै
संसार बचाना होज्या रल कै अमरीका आग लगा देगा॥
धुंए की परत का काम्बल आसमान मैं आ ज्यागा
सूरज की रोशनी नै चूसै घनघोर अन्धेरा छाज्यागा
घणा बैरी ठारा खाज्यागा जीव जन्तू नै गला देगा॥
बरफ तै सीली होवै धरती उतर तै दक्षिण लहर चलै
उतर का जिब नाश होवै नहीं दक्षिण का कहर टलै
पूरा गांव और शहर गलै फेर खेती कौण उगा देगा॥
खाणे की चेन समुन्द्र मैं तहस नहस भाई हो ज्यागी
मानव पेड़ और पौध्यां की भूख में तबाही हो ज्यागी
बचे नै बीमारी माई खोज्यागी रणबीर कौण जिवादेगा॥