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परलै री घड़ी / अर्जुनदेव चारण

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थारी
ऊजळी हथाळियां मांय
नीं होवैला
पुन्न
पथरीजियोड़ी आखियां
दीखैला
नरक रौ बारणौ
अथाह जळ मांय
नीं लाधैला
थनै कोई नाव,
जद
आय ऊभैला
आखौ कडूंबौ
काळौ लेय
आलोप होय जावैला
दूजा सगळा रंग
खोसीज जावैला
थारै सूं
थारा सपना
थारी पांखां
थारौ आभौ
परलै री
उण घड़ी मांय
थूं
कीं नी बचाय सकैला मां