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पराजय के बाद / रघुवीर सहाय
Kavita Kosh से
तुमको लोग भूले जा रहे हैं
क्योंकि तुम जाने जाते रहे हो अपने अत्याचारों के कारण
और आज तुम हाथ खींचे हुए हो
कि तुम्हारे अत्याचारों को लोग भूल जाएँ
पर लोग तुम्हीं को भूले जा रहे हैं
करो कुछ जिससे कि वह शक्ति दुष्टता की
लोग फिर देखें और लोग भयंकर मुग्ध हों
एक राष्ट्र के पतन का लक्षण है कि
वे जो जीवन भर परोपजीवी रहे
सत्ता के तन्त्र में
आज उससे बाहर होकर यह भ्रम फैला सकते हैं कि
वे किसी दिन यह समाज बदल देंगे
और अभी सिर्फ़ मौक़ा देखते हुए बैठे हैं
9 जून, 1981