"लेकिन तुम मुझे
नहीं लिखोगे"
कविता कहती है
और मैं कहता हूँ :
"इस उकसावे के
चक्कर में मैं
पड़नेवाला नहीं"
चुनाँचे
बना रहता है कविता का
अधिकार
और रहती है वो
अलिखित
यहीं तक चूँकि
यह
लगभग हर कविता की तरह
कोई विकल्प
नहीं हो सकता
एक सही मायने की
कविता का
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य