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परिसंवाद का माध्यम / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
चूड़ियां होती हैं रंगीन, पारदर्शी
जैसे लड़की के स्वप्न
चूड़ियां खनकती हैं
जैसे खिलखिलाती हैं लड़कियां
लड़की के नाजुक दिल के समान
नाजुक होती हैं चूड़ियां
लड़की नहीं
अक्सर चूड़ियां करती हैं
प्यार का इजहार
इंकार या इकरार
चूड़ियां होती हैं
लड़की और प्रेमी के मध्य
परिसंवाद का माध्यम
सबसे पहला माध्यम !