भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पर्यावरण दिवस / अमरजीत कौंके

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बच्चों को देता हूँ
स्कूल में भाषण

पर्यावरण दिवस है
बच्चो !
पानी दूषित नहीं करना
हवा गंदी नहीं करनी
बेवजह शोर नहीं मचाना
पृथ्वी हमारी माँ है
इसको बचाना

बच्चे सुनते
शोर मचाते

स्कूल से छुट्टी होने के बाद
खेतों में जाकर
माँ-बाप के साथ
खेतों में
कीटनाशक
दवाईयाँ छिड़काते।