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पर-ईच्छा / मनीष कुमार गुंज
Kavita Kosh से
परीक्षा नै ई, पर-इच्छा छै
चोरी पर टिकलो शिक्षा छै।
घूस-घास दे नाम लिखाबोॅ
उल्टा-सीधा रोज सिखाबोॅ
घर मेें चाहे घांस गढ़ाबोॅ
बौरो से नम्बर बढ़बाबोॅ।
मास्टर साहब अकल सिखाबै
नै समझौ ते नकल सिखाबै।
लगै नसीबोॅ में भिक्षा छै
परीक्षा नै ई, पर-इच्छा छै
चोरी पर टिकलो शिक्षा छै।