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पर वो भी तो प्यार करे / कमलेश द्विवेदी
Kavita Kosh से
मैं तो उसको प्यार करूँगा पर वह भी तो प्यार करे।
एक नहीं सौ बार करूँगा पर वह भी इक बार करे।
मैंने माना मैं मृग हूँ, वो
मूल्यवान कस्तूरी है।
मैं उसके लिए और वो
मेरे लिए ज़रूरी है।
मैं सब कुछ स्वीकार करूँगा वह भी कुछ स्वीकार करे।
मैं तो उसको प्यार करूँगा पर वह भी तो प्यार करे।
वो नदिया है मीठी-मीठी
मैं सागर खारा-खारा।
पर उसको बनना है इक दिन
मेरी ही कोई धारा।
मैं अपना व्यवहार करूँगा वह अपना व्यवहार करे।
मैं तो उसको प्यार करूँगा पर वह भी तो प्यार करे।
"इश्क़ आग का दरिया होता"
इक शायर यह गाता है।
जो भी इसमें डूब सके बस
प्यार वही कर पाता है।
मैं यह दरिया पार करूँगा पर वह भी तो पार करे।
मैं तो उसको प्यार करूँगा पर वह भी तो प्यार करे।