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पलक मूँद कर सो जा रे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ
Kavita Kosh से
खेलकुद कर बहुत थक गया
अब जल्दी ही सो जा रे
मिट जायेगी सब थकान तू
पलक मूंदकर सो जा रे।
सोने से थकान मिटती है
मेरी बातें सुन ले तू
सोएगा सपने देखेगा
जाने कितने-कितने सारे तू
गौरइया चिड़िया जो आती
वह भी सोने चली गई।
कुत्ता भी पसरा है थक कर
बिल्ली सोने चली गई।
हाथी-घोडा-पालकी
जय कन्हैया लाल की
लालन अब तो सो जा रे
आँख बंद कर सो जा रे।