भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पसरल जाल घोटालाक / नवल श्री 'पंकज'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पसरल जाल घोटालाक
लागल टाल घोटालाक

छै पहिलुकसँ दोसर बीस
अजबे हाल घोटालाक

जनसेवक त' छै ऊपरसँ
भीतर खाल घोटालाक

धोती खोलि छै पोछैत
लागल थाल घोटालाक

संसद छै बनल मैदान
ठोकै ताल घोटालाक

बनि निर्लज्ज सीना तानि
बजबै गाल घोटालाक

छोड़त जान कहिया "नवल"
ई जंजाल घोटालाक