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पहचान लो / अनिरुद्ध प्रसाद विमल
Kavita Kosh से
वह जो तुम्हारी रक्षा के लिए
किया गया तैयार है ;
वही तुम्हारी मौत का
सच में जिम्मेवार है।
कल जो तुम लूटे गये थे,
बेतरह पीटे गये थे,
बात सारी जानकर भी,
चुप जो पहरेदार था ;
अभी भी पहचान लो
यह वही बटमार था,
बराबर का हिस्सेदार था।
मत भूलो, मेरे मीत इसे ;
यह वही कंस दरवार है
जिसकी महिमा अपरमपार है।