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पहचान / राग तेलंग
Kavita Kosh से
हर चेहरा
उम्र भर
अपनी पहचान के लिए तड़पता रहता है
इसे भूख कह लो या प्यास
इसका बुझना मुश्किल होता है कभी भी
यह शरीर जो नाम धारण किए रहता है
उसके पार जाकर शुरु होती है
पहचान की यात्रा
यह समझने में चेहरे अक्सर भूल कर बैठते हैं ।