पहर है मेरा, गो कि कडवा / पाल ब्रेक्के
तुमने इंतज़ार किया, पीछे तुम्हारे खिडकी का।
आधी मुड़ी तुम्हारी पीठ
और तुम्हारे चारों ओर रोशनी
ऐसे थी मानो तुम कर रही हो आराम एक हाथ में।
यह ऐसे था मानो तुम वहाँ खड़ी थी
और मुझे छोड़ दिया ओह तिनके-तिनके
ज्यों तुमने सुना गरदन झुकाए
किसी को जो गुजरा था
तुम्हें जीत ले गया जो
मुद्दत पहले के आवास में;
दूर और बेगाना मैं वहाँ खड़ा था
एकबार, हम जिसे कहते है ‘अभी‘।
रोशनी के हाथ में तुम डोलती हो
सुदूर बाहर समय के.....
नहीं, वे मेरे नहीं थे, कभी भी,
डग जिनका तुमने इंतज़ार किया !
लेकिन मैं यहां खड़ा होऊंगा छायाओं में--
अंधेरा मुझ से पी सकता है
महान रोशनी के तट पर
जो झुकती है तुम्हारे बालों के गिर्द।
पहर है मेरा, गो कि कड़वा।
ओ इसे तोड़ दो, इसे मत तोड़ो
सब संग मैं खड़ा हूँ और याद करता हूं
पहुँच नहीं सकता मैं उस जगह से।
अंग्रेजी से भाषान्तरः पीयूष दईया