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पहले दोस्ती तो करो प्यार-व्यार फ़िर करना / शमशाद इलाही अंसारी

पहले दोस्ती तो करो प्यार-व्यार फ़िर करना
इश्क के नाम पर दोस्ती यूँ बर्बाद मत करना|

मेरे घर आओ कुछ दिन ठहरो मेरे मेहमान बनकर
फ़िर गै़रों की तरह इस घर को बदनाम मत करना|

मेरी परवाज़ में आ अब तू भी शामिल हो जा
न उड़ सके तो इन हवाओं का मलाल मत करना|

"शम्स" तुमने फ़ूल से चेहरे के पीछे क्या देखा
ख़ामोशी ही ठीक है, किसी को बदनाम मत करना।


रचनाकाल: 05.04.2003