भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पहले सच्चे का वहिष्कार किया जाता है / आदिल रशीद
Kavita Kosh से
पहले सच्चे का बहिष्कार किया जाता है
फिर उसे हार के स्वीकार किया जाता है
ज़हर में डूबे हुए हो तो इधर मत आना
ये वो बस्ती है जहाँ प्यार किया जाता है
क्या ज़माना है के झूठों का तो सम्मान करे
और सच्चों का तिरस्कार किया जाता है
तू फ़रिश्ता है जो एहसान तुझे याद रहे
वर्ना इस बात से इनकार किया जाता है
जिस किसी शख़्स के ह्रदय में कपट होता है
दूर से उसको नमस्कार किया जाता है